कविता लिख लिख कर, मैं खुद एक कविता बन गया हूँ ,
गमो की दास्तान
लिखी तो,
खुद एक दर्द बन
गया हूँ,
ख़ुशियाँ बाटता
चला मैं तो,
सर्कस का जोकर
बन गया हूँ,
शायद सच कहते हैं
लोग,
मैं खुद एक कविता
बन गया हूँ ॥
कविता लिख लिख कर, मैं खुद एक कविता बन गया हूँ ,
गमो की दास्तान
लिखी तो,
खुद एक दर्द बन
गया हूँ,
ख़ुशियाँ बाटता
चला मैं तो,
सर्कस का जोकर
बन गया हूँ,
शायद सच कहते हैं
लोग,
मैं खुद एक कविता
बन गया हूँ ॥
इच्छाओ के हवाई किले बनाने का आदि हूँ मैं,
हमेशा सिर्फ़ जीतने
का आदि हूँ मैं,
एकांत में कल्पनाओ
की खाई में डूबने का आदि हूँ मैं ,
अपने असली अस्तित्व
को ढूडने का आदि हूँ मैं,
बहुत कम दोस्त
बनाने का आदि हूँ मैं,
सबकी कल्पनाओ और
सोच से बाहर हूँ मैं,
तभी तो अमित हूँ
मैं ॥
1.
हर शाम थक जाता हूँ,
हर शाम टूट जाता हूँ,
रात को सपने संजोता हूँ,
सुबह फिर जीतने निकल जाता हूँ ॥
Negativity kills you and tears break you. Stay away from them for inner happiness.