कविता लिख लिख कर, मैं खुद एक कविता बन गया हूँ ,
गमो की दास्तान लिखी तो,
खुद एक दर्द बन गया हूँ,
ख़ुशियाँ बाटता चला मैं तो,
सर्कस का जोकर बन गया हूँ,
शायद सच कहते हैं लोग,
मैं खुद एक कविता बन गया हूँ ॥
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