मेरी जीत के हकदार कोई नहीं,
मेरी हार में कोई
साथ नहीं,
मै जीता तो मेरा
हुनर सबको पता था,
मै हारा तो मै
नाकारा हमेशा से था,
हर कोई मौल भाव
कर रहा था,
ऐसे या वैसे अपने
फायदे का इंतजाम कर रहा था,
जनाब मुझे दुनिया
का यह राज पता था,
उन्हे क्या पता
मैं दुआओ के लिए सिर्फ जी रहा था॥
No comments:
Post a Comment