बर्फ पिघल जाती है
जैसे सूरज की किरणों के बाद,
मोम पिघल जाता है जैसे जलने के बाद,
आज मालूम पड़ा है अपनेपन का अह्सास, मैं
मैं ना रहा तुम से गले मिलने के बाद ॥
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