मृत्युलोक के राजनीति के वैभव को देख,
ब्रह्मा जी ने एक दिन किया निर्णय,
स्वर्गलोक में भी आधुनिक लोकतंत्र अपनाया जाए,
पांच साल बाद सिंघासन का अधिकारी चुना जाए।
वरुण, अग्नि, कामदेव आदि देवताओ ने किया प्रस्ताव पास,
बेचारे इंद्र की टूट गयी रही सही आस। ।
स्वर्ग नर्क में हुआ चुनाव का जोर शोर से प्रचार,
देवता, राक्षस सारे पहुचे ताकि हमारा हो अधिकार।
स्वर्गलोक में जाग उठी सत्ता की जो प्यास,
इसीलिए गरीबी, अन्याय, बेरोजगारी का हैं वहा निवास ।
जब जब पैसो का लालच आएगा,
तब तब देश भी बिक जायेग ।।
ब्रह्मा जी ने एक दिन किया निर्णय,
स्वर्गलोक में भी आधुनिक लोकतंत्र अपनाया जाए,
पांच साल बाद सिंघासन का अधिकारी चुना जाए।
वरुण, अग्नि, कामदेव आदि देवताओ ने किया प्रस्ताव पास,
बेचारे इंद्र की टूट गयी रही सही आस। ।
स्वर्ग नर्क में हुआ चुनाव का जोर शोर से प्रचार,
देवता, राक्षस सारे पहुचे ताकि हमारा हो अधिकार।
स्वर्गलोक में जाग उठी सत्ता की जो प्यास,
इसीलिए गरीबी, अन्याय, बेरोजगारी का हैं वहा निवास ।
जब जब पैसो का लालच आएगा,
तब तब देश भी बिक जायेग ।।
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